Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकी हमला देश के लिए एक दुखद और झकझोर देने वाली घटना थी। इस हमले में 26 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें पर्यटक और स्थानीय नागरिक शामिल थे। हमलावरों ने बैसारन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसने पूरे देश को गुस्से और शोक में डुबो दिया। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए, जिनमें इंडस वैली ट्रीटी (Indus Waters Treaty) को निलंबित करना, अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है। आइए, इन फैसलों और उनके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं।
Pahalgam attack Details
Pahalgam attack: पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है, पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा स्थल रहा है। लेकिन 22 अप्रैल 2025 को बैसारन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह को निशाना बनाया। हमलावरों ने सैन्य वर्दी में छद्म रूप अपनाया और दोपहर के समय अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 28 लोगों की मौत की खबरें सामने आईं, जिसमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। इस घटना ने न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी गतिविधियों पर भी उंगली उठाई। खुफिया सूत्रों ने दावा किया कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का हाथ था।
भारत का कड़ा एक्शन
Pahalgam attack: हमले के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से लौटकर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने का फैसला लिया गया, जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को चुनौती देने वाले आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी, जो निम्नलिखित हैं।

इंडस वाटर प्लांट कैंसल
Pahalgam attack: 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित इंडस वैली ट्रीटी (Indus Waters Treaty) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इस समझौते के तहत, सिंधु और इसकी सहायक नदियों का पानी दोनों देशों के बीच बांटा जाता था, जिसमें पाकिस्तान को 80% जल हिस्सा मिलता था। इस निलंबन से पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि सिंधु नदी उसके लिए लाइफलाइन मानी जाती है। भारत ने यह कदम तब उठाया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता।
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद
Pahalgam attack: भारत ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर स्थित चेकपोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया। यह कदम दोनों देशों के बीच सीमित आवाजाही को पूरी तरह रोक देगा। हालांकि, वैध अनुमति वाले लोगों को 1 मई 2025 तक वापस लौटने की छूट दी गई है। यह फैसला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सामाजिक संबंधों को और कमजोर करेगा।
पाकिस्तानी वीजा रद्द
Pahalgam attack: भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना (SVES) को रद्द कर दिया। पहले से जारी किए गए वीजा भी अमान्य घोषित कर दिए गए, और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया। यह कदम भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
कूटनीतिक संबंधों में बदलाव
भारत ने इस्लामाबाद में अपने दूतावास को बंद करने और पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का फैसला लिया। साथ ही, पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को अवांछित (Persona Non Grata) घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।

इन फैसलों का प्रभाव
Pahalgam attack: इन कदमों ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। इंडस वैली ट्रीटी का निलंबन पाकिस्तान की कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। अटारी-वाघा बॉर्डर का बंद होना दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान को प्रभावित करेगा। वीजा रद्द होने से पाकिस्तानी नागरिकों की भारत यात्रा पर पूर्ण रोक लग जाएगी, जो दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और खराब करेगा।
Pahalgam attack के बाद भारत में जनता का गुस्सा सड़कों पर देखा गया। जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान किया गया, और कई शहरों में प्रदर्शन हुए। सोशल मीडिया पर #PahalgamTerrorAttack ट्रेंड करने लगा, जहां लोग सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। वैश्विक स्तर पर, ऑस्ट्रेलिया, रूस और अन्य देशों ने इस हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
Pahalgam attack भारत के लिए एक दुखद याद बन गया है, लेकिन सरकार के इन कठोर कदमों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। इंडस वैली ट्रीटी का निलंबन, अटारी-वाघा बॉर्डर का बंद होना और वीजा रद्द करना जैसे फैसले पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हैं। यह समय है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करे, वरना भारत की ओर से और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। देशवासियों को विश्वास है कि सरकार इस हमले के दोषियों को सजा दिलाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
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